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Wednesday, July 22, 2020

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर बड़ी खबर








अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर बड़ी खबर आ रही है. सूत्रों के मुताबिक, राम मंदिर की नींव 15 फीट गहरी होगी. राम मंदिर की नींव में 8 लेयर होंगे. 2-2 फीट की एक लेयर होगी.





अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर बड़ी खबर आ रही है. सूत्रों के मुताबिक, राम मंदिर की नींव 15 फीट गहरी होगी. राम मंदिर की नींव में 8 लेयर होंगे. 2-2 फीट की एक लेयर होगी. नींव का प्लेटफॉर्म तैयार करने में कंक्रीट, मोरंग का इस्तेमाल होगा. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि राम मंदिर में लोहे का इस्तेमाल नहीं होगा. भूतल मिलाकर राम मंदिर तीन मंजिल का होगा. भूतल, प्रथम तल और द्वितीय तल





नए मॉडल के मुताबिक राम मंदिर 10 एकड़ में बनेगा. शेष 57 एकड़ को राम मंदिर परिसर के तौर पर विकसित किया जाएगा. राम मंदिर परिसर में नक्षत्र वाटिका बनाई जाएगी, 27 नक्षत्र के वृक्ष लगाए जाएंगे. नक्षत्र वाटिका का बनाने का मकसद है कि अपने अपने जन्मदिन पर लोग अपने नक्षत्र के हिसाब से पेड़ के नीचे बैठकर ध्यान लगा सकें और राम मंदिर परिसर में पूजा अर्चना कर सकें. राम मंदिर परिसर में बाल्मीकि रामायण में वर्णित वृक्षों को भी लगाया जाएगा और इनका नाम भी बाल्मीकि रामायण के आधार पर ही रखा जाएगा.





शेषावतार मंदिर की अस्थाई स्थापना राम मंदिर के भूमि पूजन के बाद की जाएगी. राम मंदिर निर्माण पूरा होने के बाद राम मंदिर परिसर में स्थाई तौर पर शेषावतार मंदिर बनेगा. राम मंदिर में परिसर में रामकथा कुंज पार्क भी बनेगा जो भगवान राम के जीवन चरित्र पर आधारित होगा. राम मंदिर परिसर में खुदाई के दौरान मिले अवशेषों का संग्रहालय भी बनाया जाएगा.





गोशाला, धर्मशाला, अन्य मंदिर बनाए जाएंगे. राम मंदिर के भूमि पूजन के लिए ताम्रपत्र तैयार कराया जा रहा है. ताम्रपत्र पर संस्कृत भाषा में राम मंदिर से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी लिखी होगी. ताम्रपत्र पर मंदिर का नाम, स्थान, नक्षत्र, समय लिखा होगा, जिसे नींव में रखा जाएगा. सभी प्रमुख तीर्थ स्थलों की मिट्टी और नदियों के जल से भूमि पूजन किया जाएगा. राम मंदिर में परिसर में 2 परिक्रमा केन्द्र भी बनाए जाएंगे. पहली परिक्रमा गर्भगृह की होगी और दूसरी परिक्रमा राम मंदिर की होगी.





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Thursday, July 16, 2020

पाकिस्तान का यह मंदिर, जहां हिन्दुओं का जाना बैन, केयरटेकर भी मुसलमान





पाकिस्तान के इस्लामाबाद में पहला हिंदू मंदिर बनने को लेकर विरोध जारी है. कई मुस्लिम संगठन इसके खिलाफ हैं. पाकिस्तान में हिंदुओं और उनके धार्मिक स्थल की दुर्दशा किसी से छिपी नहीं है. इनमें से एक है इस्लामाबाद में हिमालय की तलहटी में दबा हुआ सोलहवीं शताब्दी का एक राम मंदिर. मान्यता है कि अपने 14 साल के वनवास के दौरान भगवान राम, सीता और लक्ष्मण के साथ यहीं रहते थे, जिसे बाद इसे मंदिर का रूप दे दिया गया था.





सदियों से, इस राम मंदिर में पूजा करने के लिए दूर-दूर से हिंदू आते रहे हैं. ये श्रद्धालु शांतिपूर्वक इस धर्मशाला में ठहरते थे, जिसे आज के समय में सैदपुर गांव कहा जाता है. आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार, 1893 तक यहां एक तालाब के पास हर साल एक मेले का आयोजन किया जाता था. मान्यता है कि भगवान राम ने एक बार इस तालाब से पानी पिया था. हालांकि, अब ये तालाब एक दुर्गंध वाला नाला बन चुका है.








1947 के बाद से, हिंदुओं को इस मंदिर और उस परिसर में पूजा करने पर रोक लगा दी गई. इस मंदिर को पर्यटकों के लिए खुला रखा गया है लेकिन इस मंदिर से सभी मूर्तियों को हटा दिया गया है. अब इस तीर्थस्थान में पर्यटकों के लिए रेस्टोरेंट और हस्तशिल्प दुकानें खोल दी गई हैं.



यहां के हिंदू एक्टिविस्ट सवाई लाल ने अरब न्यूज को बताया, 'सरकार ने इस जगह को विरासत के रूप में संरक्षित किया है, लेकिन इस परिसर में रेस्टोरेंट और दुकानें चलाने की अनुमति देकर सरकार इस जगह की पवित्रता का उल्लंघन कर रही है.'








मंदिर परिसर की देखभाल करने वाले मुहम्मद अनवर ने कहा कि यह क्षेत्र अब 'विरासत स्थल' बन चुका है और यहां हिंदुओं को पूजा की अनुमति नहीं है. अनवर ने कहा, 'कभी-कभी लोग यहां पूजा करने की मांग करते हैं, लेकिन हमें उन्हें रोकना पड़ता है.'



पाकिस्तान के अधिकांश अल्पसंख्यकों को लगता है कि सरकार उनकी सुरक्षा करने में विफल रही है और कभी-कभी उन्हें यहां हिंसा का भी सामना करना पड़ता है. इस्लामाबाद में नए मंदिर के निर्माण के विरोध के चलते यहां के हिंदू एक बार फिर सुर्खियों में हैं.







यहां अल्पसंख्यकों की संख्या बहुत कम है. सवाई लाल ने कहा, 'कुछ कट्टरपंथियों ने इस्लामाबाद में हमारे मंदिर स्थल पर तोड़फोड़ करने की कोशिश की है जिसके बाद हम डरा हुआ महसूस कर रहे हैं.' उन्होंने कहा कि वर्तमान में इस्लामाबाद के 3,000 हिंदुओं के लिए यहां कोई मंदिर नहीं है.



1960 में इस राम मंदिर परिसर को गर्ल्स स्कूल में बदल दिया गया था. सालों तक चले हिंदू समुदाय के विरोध के बाद, इस स्कूल को दूसरी जगह स्थानांतरित कर दिया गया और मंदिर को 2006 में खाली कर दिया गया लेकिन हिंदुओं को वहां पूजा करने की अनुमति नहीं दी गई.



पाकिस्तान हिंदू काउंसिल के संरक्षक प्रमुख रमेश कुमार वांकवानी ने कहा कि वर्तमान में इवैक्यूई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड के साथ पंजीकृत कुल 1,288 हिंदू मंदिरों में से केवल 31 मंदिरों में लोगों को दर्शन करने की अनुमति है. ये बोर्ड विभाजन के दौरान पाकिस्तान छोड़कर भारत जाने वाले लोगों की छोड़ी हुई संपत्तियों का रखरखाव देखता है.







वांकवानी ने कहा, 'हमें अपने मौजूदा मंदिरों के पुनर्गठन की अनुमति दी जानी चाहिए.' यहां के हिंदू नेताओं का कहना है कि पिछले सप्ताह राजधानी में नए मंदिर का निर्माण शुरू होने के बाद इन लोगों की कुछ उम्मीदें जगी थीं. लेकिन मौलवियों के विरोध के बाद अब वो प्रधानमंत्री के अंतिम मंजूरी का इंतजार कर रहे हैं ताकि निर्माण कार्य एक बार फिर शुरू हो सके. .





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Tuesday, July 14, 2020

जानिए सावन में किन महाउपायों को करने से होगी समृद्धि की बरसात








सावन का पावन महीना चल रहा है. सावन के महीने में महादेव की विशेष पूजा-अर्चना से हर तरह की समस्या दूर की जा सकती है. इसके अलावा इस महीने में भगवान शिव की कृपा से धन संबंधी दिक्कतों को भी दूर किया जा सकता है. पंडित शैलेंद्र पांडे से जानते हैं कि सावन के महीने में किन उपायों से धन- समृद्धि प्राप्त की जा सकती है.






सावन के महीने का धन-समृद्धि से संबंध 
सावन के महीने में हर तरह की ऊर्जा का स्तर घट जाता है जिससे सफलता के रास्ते बंद हो जाते हैं. ऊर्जा की कमी की वजह से सावन के महीने में ज्यादतर व्यक्तियों को धन या सेहत से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. हालांकि इस महीने में कुछ उपाय करके धन को प्राप्त किया जा सकता है. सावन की महीने के अधिष्ठाता भगवान शिव होते हैं. भगवान शिव की कृपा से धन की समस्याओं को भी हल किया जा सकता है. सावन में कुछ विशेष प्रयोग करके कुंडली के दरिद्र योग को भी नष्ट किया जा सकता है.






धन प्राप्त करने के लिए सावन में करें ये उपाय 
अगर आपकी आर्थिक स्थिति काफी खराब है, पैसों को लेकर दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है तो रोज सुबह स्नान कर शिव जी को जल अर्पित करें. इसके बाद जितना संभव हो उतनी बार 'ऊँ नमः शिवाय' का जप करें और शाम को शिव जी की आरती करें. शिवलिंग पर सफेद चंदन लगाएं फिर एक लोटा जल शिव लिंग पर चढ़ाएं. सावन में जितने दिन भी बचें हैं, हर दिन सुबह ये उपाय करें.





इसके बाद दारिद्रय दहन स्तोत्र का पाठ करें. अगर आप ये पाठ नहीं कर सकते हैं तो भगवान शिव के मंत्र 'ऊँ दारिद्रय दु:ख दहनाय नमः शिवाय' का जप करें.


रोज रात को शिव जी के सामने एक घी का दीपक जलाएं. इस समय भी 'ऊँ दारिद्रय दु:ख दहनाय नमः शिवाय' का जप करें या दारिद्रय दहन स्तोत्र का पाठ करें.




सावन के महीने में तांबे का एक छल्ला बनवाकर अनामिक उंगुली में पहन लें या तांबे का कड़ा बनवाकर दाहिनी कलाई में डाल लें. इससे दरिद्रता संबंधी सारी समस्या दूर होती है.



अगर कर्ज से परेशान हैं तो रोज सवेरे शिवलिंग पर लाल फूल अर्पित करिए, खासतौर से गुड़हल का फूल बहुत अच्छा माना जाता है. इसके बाद एक लोटे जल में जरा सा गुड़ मिलाइए और इसे शिवलिंग पर चढ़ाइए और 'ॐ ऋणमुक्तेश्वर महादेवाय नम:' का जप करें और कर्ज मुक्ति की प्रार्थना करें.





अगर आपकी आर्थिक स्थिति में हमेशा उतार-चढ़ाव रहता है तो रोज सुबह शिव जी को जल और कम से कम तीन बेलपत्र अर्पित करें. शिव जी को सफेद मिठाई का भोग लगाएं.



सावन में घर के मुख्य द्वार पर बेल का पौधा लगाएं. ऐसा करने से धन के उतार-चढ़ाव की समस्या दूर हो जाएगी.



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